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Munshi Premchand Poems in Hindi || मुंशी प्रेमचंद की 3 प्रसिद्ध कविताये

Munshi Premchand Poems in Hindi:- नमस्कार दोस्तों आज हम आप सभी के लिए मुंशी प्रेमचंद की कुछ प्रसिद्ध कविताएं लाये है। जैसा की आप सभी जानते है की मुंशी प्रेमचंद जी उर्दू और हिंदी के एक असाधारण कलाकार थे, जो एक लेखक और लेखक के अलावा एक शिक्षक, निबंधकार और स्तंभकार भी थे, उन्हें 31 जुलाई 1880 को वाराणसी लोकेल, उत्तर प्रदेश के लम्ही शहर में लाया गया और लात मारी बाल्टी 8 अक्टूबर 1936 को वाराणसी में आयोजित की गई थी। इसके लिए हम आपको उनके द्वारा रचित कुछ लोकप्रिय कविताएं शेयर करने जा रहे हैं, जिन्हें आप अपने साथियों के साथ साझा और साझा कर सकते हैं।

Munshi Premchand Poems in Hindi – पुराने कवियों की कविताएं

Famous Poem by Munshi Premchand – हिंदी की श्रेष्ठ कविताएं

 

क़लम के जादूगर!
अच्छा है,
आज आप नहीं हो|
अगर होते,
तो, बहुत दुखी होते|
आप ने तो कहा था
कि, खलनायक तभी मरना चाहिए,
जब,
पाठक चीख चीख कर बोले,
मार – मार – मार इस कमीने को|
पर,
आज कल तो,
खलनायक क्या?
नायक-नायिकाओं को भी,
जब चाहे ,
तब,
मार दिया जाता है|
फिर जिंदा कर दिया जाता है|
और फिर मार दिया जाता है|
और फिर,
जनता से पूछने का नाटक होता है-
कि अब,
इसे मरा रखा जाए?
या जिंदा किया जाए?
सच,
आप की कमी,
सदा खलेगी –
हर उस इंसान को,
जिसे
मुहब्बत है,
साहित्य से,
सपनों से,
स्वप्नद्रष्टाओं,
समाज से,
पर समाज के तथाकथित सुधारकों से नहीं|
हे कलम के सिपाही,
आज के दिन
आपका सब से छोटा बालक,
आप के चरणों में
अपने श्रद्धा सुमन,
सादर समर्पित करता है |


PREMCHAND POETRY IN HINDI

दुनिया में यूँ तो हर किसी का साथ-संग मिला
अफ़सोस सब के चेहरे पे एक ज़र्द रंग मिला
मज़हब की रौशनी से था रौशन हुआ जहाँ
मज़हब के मसीहाओं से पर शहर तंग मिला
सच की उड़ान जिसने भरी और उड़ चला
वो शख़्स शहादत की लिए इक उमंग मिला
कल तक गले लगा के जो करता था जाँ निसार
बातों में उसकी आज अनोखा या ढंग मिला
जिसने लिबास ओढ़ रखा था उसूल का
वो फर्द सियात की उड़ाता पतंग मिला
सूली पे चढ़ गया कोई हक़ बोलकर यहाँ
तारिख़ के पन्नों पे इक ऐसा प्रसंग मिला
शीशे में शक्ल देख हैराँ हुआ हूँ मैं
शीशा भी मुझे देखकर किस कद्र दंग मिला
मज़नू जहाँ गया वहाँ इक भीड़ थी जमा
हाथों में सबके एक नुकीला सा संग मिला
मिलकर चले थे सबके कदम सहर की तरफ
क्यों आज विरासत में ये मैदाने जंग मिला


Munshi Premchand Ki Kavita – कर्मभूमि

ऐसी क्रांति,
जो सर्वव्यापक हो,

जो जीवन के,
मिथ्य आदर्शों का,
हूट सिद्धांतों और परीपाटियो का,
अनंत कर दे,

जो एक नए युग का प्रवतर्क हो,
एक नई सृष्टि खड़ी कर दें,

जो मनुष्य को,
धन और धर्म के,

आधार पर टिकने वाले,
राज्यों के पंजे से मुक्त कर दे|


हां तो दोस्तों आपको हमारा ब्लॉग पोस्ट Munshi Premchand Poems in Hindi पर मुंशी प्रेम चाँद की प्रसिद्ध कविताये पढ़कर केसा लग रहा है। दोस्तों ये कविताएं आपका जीवन बदल देगी। इसलिए आज हमने इन्होकी कविताओं का एक छोटा सा संग्रह आपके साथ शेयर किया है। मुझे उम्मीद है की आपको ये कविताये पसंद आई होगी। और हां हमारी पोस्ट को शेयर करना ना भूले। धन्यवाद।

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